Prime Minister Narendra Modi: सागर से सरयू तक पीएम मोदी की राम यात्रा, 212 सीटों वाले रूट पर कहां खड़ी है बीजेपी

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Prime Minister Narendra Modi: अयोध्या में बना रहे भव्य राम मंदिर में प्रभु श्री राम विराजमान हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्य यजमान के तौर पर रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा किया और उसके बाद राम मंदिर परिसर में 11 दोनों का व्रत तोड़ा ।

Prime Minister Narendra Modi

Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के बहाने भगवान राम के सरोकारों से भविष्य का सियासी एजेंडा चाहते हुए दिखाई दिए। पीएम मोदी ने अपने 11 दिन के अनुष्ठान का जिक्र भी किया उन्होंने 11 दिन के व्रत अनुष्ठान के दौरान उन स्थानों को चरण स्पर्श करने का प्रयास किया । जहां पर भगवान राम के चरण पड़े थे।

प्रधानमंत्री ने कहा मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम लला के प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों तक अनुष्ठान किए थे। 12 जनवरी से 22 जनवरी तक चलने वाले अनुष्ठान का प्रधानमंत्री मोदी यह नियमों का पूरा पालन किया। प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दक्षिण भारत में तमाम मंदिरों में पूजा पाठ के अनुष्ठान को जब रामलला के जन्म भूमि पर बने मंदिर परिसर के निर्माण से जोड़कर देखते हैं तो प्रधानमंत्री की सागर से सरयू की यात्रा बहुत कुछ कह देती है ।

आखिर भगवान राम का राज्याभिषेक तो तभी हुआ था जब उन्होंने रावण वध के बाद दक्षिण से उत्तर की यात्रा की थी प्रधानमंत्री मोदी ने सागर से सदियों तक धार्मिक यात्रा के दौरान चार राज्यों के साथ मंदिरों में दर्शन करने के बाद अयोध्या पहुंचे पश्चिम से लेकर दक्षिण तक की उन मंदिरों में गए जिनका जिक्र रामायण में मिलता है। इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले कालाराम मंदिर से लेकर रामसेतु समेत तमाम मंदिरों में पूजा अर्चना का उल्लेख कर उत्तर दक्षिण के सनातनी सरोकारों में सामंजस्य बनाने की है। प्रधानमंत्री ने देश से लेकर दुनिया तक अलग-अलग भाषाओं में रामायण होने के बावजूद राम के चरित्र के निरूपण में एकरूपता का जिक्र राम के सहारे क्षेत्र भाषा जाति के बीच संतुलन साधने का प्रयास किया। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश भविष्य की तैयारी की तरफ इशारा करती है और बीजेपी की जनाधार को उत्तर से दक्षिण तक विस्तार देने की फिक्र देखी।

पीएम मोदी के अनुष्ठान के दौरान धार्मिक यात्रा महाराष्ट्र तमिलनाडु केरल आंध्र प्रदेश के मंदिरों में दर्शन और पूजा पाठ के पास सोमवार को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या पहुंचे। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 12 जनवरी से शुरू हुआ था उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के कालाराम मंदिर में जाकर पूजा पाठ की थी। प्रधानमंत्री ने 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश के वीरभद्र मंदिर में दर्शन किया और पूजा किया पौराणिक कथाओं के मुताबिक लेपाक्षी वह स्थान है जहां पौराणिक गिद्ध जटायु सीता का अपहरण करने वाले रावण द्वारा किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद गिरे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 17 जनवरी को केरल के प्रेयर में श्री रामास्वामी मंदिर और आंध्र प्रदेश के लिए पक्षी मंदिर का जाकर दर्शन किया।

पीएम मोदी ने 20 जनवरी को भगवान राम के पूर्वज माने जाने वाले श्री रंगनाथ स्वामी के श्रीरंगम मंदिर में पूजा अर्चना की इसके बाद धनुषकोडी के कोठांग ड्रामा स्वामी मंदिर और प्रभु श्री राम के पैरों के निशान को समर्पित रामनाथ स्वामी मंदिर और रावण प्रथम मंदिर में पूजा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जनवरी को अराइटल मने पहुंचे पौराणिक मान्यता के मुताबिक मनाए में रामसेतु बनाया गया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे जगह पर डुबकी भी लगाई जहां बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का मिलन होता है।

सागर से सरयू तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धार्मिक यात्रा वाले रोड में पांच राज्यों के 212 लोकसभा सीटे आती हैं। जहां उन्होंने तमाम जगहो पर जाकर पूजा पाठ किया। इसमें आंध्र प्रदेश की 24 केरल की 20 तमिलनाडु की 39 और महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटे है जबकि उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटे आती हैं।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक लक्षद्वीप का भी दौरा कर चुके हैं लेकिन इन राज्यों में किसी धार्मिक स्थल पर नहीं गए थे इसलिए हम उन्हीं राज्यो सीटों को लेकर बात कर रहे हैं जिन सुबे के मंदिरों में जाकर पीएम ने दर्शन किए इस तरह सागर सरयू तक की यात्रा करके प्रधानमंत्री ने 212 लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश ही नहीं की की बल्कि सियासी एजेंडा भी सेट करने की कवायत की है।

भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत में अपने विस्तार करने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर कदम राजनीतिक और चुनावी होता है जिस तरह वह दक्षिण में मंदिर मंदिर घूम उससे यही संकेत मिलता है की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने सागर से सहयोग को जोड़कर राम के चरित्र के निरूपण में एकरूपता का जिक्र उन्होंने राम के सहारे क्षेत्र भाषा जाति के बीच संतुलन साधने का प्रयास किया। हालांकि कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी का दक्षिण भारत में कोई अस्तित्व नहीं है इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम के सहारे दक्षिण को जीतने की उम्मीद बनाए रखा है। कहां जा रहा है कि 2024 में चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी को उत्तर भारत में कोई झटका लगता है तो दक्षिण में कुछ सीधे जीतकर वह इसकी भरपाई कर सकते हैं। ऐसे में देखना महत्वपूर्ण है कि सागर से सरयू वाले रोड पर भाजपा 2024 में क्या 86 करिश्मा दिखा पाती है।

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